अरविन्द भट्ट एक उदीयमान रचनाकार हैं। लेखन इनके विरासत में है। ‘अनकही अनुभूतियों का सच’ इनका प्रथम काव्य संग्रह है। साहित्य और लेखन की अपनी विरासत को आगे बढ़ाते अरविन्द को वस्तुत:, ख़ुद के लिए कवि या लेखक के उपनामों से गुरेज़ है। इनके शब्दों में ‘मैं अपने मन में चलने वाले विचारों को, अपनी सोच को मात्र वाक्य विन्यास में व्यवस्थित करने का प्रयत्न करता हूँ कदाचित्, अगर यही कविता है; तो हाँ मैं कविताएँ लिखता हूँ।’
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अरविन्द भट्ट एक उदीयमान रचनाकार हैं। लेखन इनके विरासत में है। ‘अनकही अनुभूतियों का सच’ इनका प्रथम काव्य संग्रह है। साहित्य और लेखन की अपनी विरासत को आगे बढ़ाते अरविन्द को वस्तुत:, ख़ुद के लिए कवि या लेखक के उपनामों से गुरेज़ है। इनके शब्दों में ‘मैं अपने मन में चलने वाले विचारों को, अपनी सोच को मात्र वाक्य विन्यास में व्यवस्थित करने का प्रयत्न करता हूँ कदाचित्, अगर यही कविता है; तो हाँ मैं कविताएँ लिखता हूँ।’