zindagi ke antaral

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Description

केशरी चंदेल ‘अक्षत’ जी की कविताओं का एक मंगल-घट है, जो तल से लेकर अतल तक भरा हुआ है। जन्म से लेकर जीवन तक की गतिविधियों से सम्पन्न है। वे मानते हैं कि मौत अगर शाश्वत है, तो जीवन भी शाश्वत है। इस शाश्वत जीवन में वे शांति, कर्म, श्रम और आपसदारी की ज्योति अपनी कविताओं में जगमगाते हैं। निराशा के सघन अँधेरे उन्हें डराते नहीं हैं और वे किसी असत की रंगीनियों में जाते भी नहीं हैं। वे सपने देते हैं किरणों के हिंडोलों के, रजनीगंधा के, पपिहरा की प्रेम-पुकार के और कुल मिलाकर प्रकृति से सौमनस्य के। उनकी कविताओं का भाव-शिल्प यद्यपि जटिल है, किंतु संप्रेषण के अनुकूल सरल है। उनकी रचनाएँ सहज प्रवाहपूर्ण हैं। एक अंतर्लय से छंदबद्ध हैं। अपने ‘ज़िन्दगी के अन्तराल’ में वे मानते हैं कि जब आप मुसाफ़िर बनते हैं तो बहुत सारे मुसाफ़िर आपको मिलते हैं। अनुभवों का आदान-प्रदान होता है। वे देश के किसान-मजदूर से बात करते हैं। युवाओं से सीख लेते हैं। उन्हें अपनी सलाह बड़ी विनम्रता से परोसते हैं। संयुक्त अनुभवों के चप्पुओं से चलने वाली ये जीवन नौका कहाँ-कहाँ घुमाती है। वे दार्शनिक मुद्रा में कहते हैं कि मृत्यु उसका अंतिम सोपान है, लेकिन अगले ही क्षण व्यावहारिकता के धरातल पर उतर कर बताते हैं कि जब तक जीवन है, तब तक उसमें तल्लीनता रखनी है और शांति की राह पर चलते जाना है। अक्षत जी हमें एक राह दिखाते हैं। मानवता के सन्देश अपनी कविताओं में गुँजाते हैं और अपनी कविताओं के माध्यम से मुझे रह-रह के स्मरण में आते हैं। – अशोक चक्रधर

Book Details

Weight 160 g
Dimensions 8.5 × 5.5 × 0.512 in
Edition

First

Language

Hindi

Binding

Hard Bound

Pages

128

ISBN

9789388556323

Publication Date

2019

Author

keshri chandel

Publisher

Anjuman Prakashan