Description
प्रस्तुत उपन्यास एक खुदगर्ज इन्सान राजीव की कहानी पर आधारित है। वह बहुत गरीब था। उसके पास पढ़ाई के लिये पैसे नहीं थे। अत: उसने मधु नाम की एक रईस लड़की से शादी कर ली और उसी के पिता के पैसों से पढ़कर इंजीनियर बन जाता है। बाद में वह दुनिया की चकाचौंध में खो जाता है। वह मधु की उपेक्षा करने लगता है और अपनी इकलौती बेटी एकता को भी पिता का प्यार नहीं देता है। उसे मधु में अवगुण ही अबगुण नजर आते हैं। वह आधुनिक पैâशन की लड़की दिव्या से, जो उसी के ऑफिस में इंजीनियर बन कर आती है, उसके प्यार में खो जाता है और मधु को तलाक देकर वह दिव्या से शादी कर लेता है। समाज में ऐसे युवक बहुत देखने को मिल जायेंगे जो औरत का इस तरह से शोषण करते हैं। मधु किस तरह से अकेले अपनी पुत्री एकता को पढ़ाती है और फिर अंत में मधु से प्रशान्त शादी करके मधु को नयी जिन्दगी देता है। आशा करती हूँ कि प्रस्तुत उपन्यास आप पाठकगणों को पसन्द आयेगा जो कि आज के आधुनिक युग के पैâशन परस्त युवकों द्वारा अपनी पसन्द के हिसाब से बदलते रिश्तों पर आधारित हैं।