vivechna hi vivechak ki takat hai

499.00


In stock

SKU: 9789388556248 Category:

Description

विवेचना कानूनी प्रक्रिया का प्रमुख अंग है। निरीक्षक पद से सेवानिवृत्त हुए लेखक प्रेमचंद करमपुरी ने अपनी सेवायें देते हुए जो अनुभव व ज्ञान प्राप्त किया उसे इस पुस्तक में प्रस्तुत किया है। लेखक ने इस पुस्तक को कुल आठ खण्डों एवं अड़तालीस अध्यायों में बाँटा है, हमें आशा ही नहीं विश्वास है कि यह पुस्तक हर विवेचक के लिए पर्याप्त जानकारीपरक होगी।.

Book Details

Weight 355 g
Dimensions 8.5 × 5.5 × 1.136 in
Edition

First

Language

Hindi

Binding

Hard Bound

Pages

284

ISBN

9789388556248

Publication Date

2020

Author

Premchand Karampuri

Publisher

Anjuman Prakashan