Description
‘संन्यास से पहले का उत्पात’ सामयिक घटनाओं पर आधारित हास्य व्यंग्य कहानी संग्रह है। कुल बारह कहानियों से सुसज्जित पुस्तक के माध्यम से लेखक ने वर्तमान में व्याप्त भ्रष्टाचार, अहंकार, लोलुपता, ईष्र्या-द्वेष आदि के दुष्परिणामों को अपनी अनूठी शैली से इंगित किया है। संग्रह में आपको नोटबन्दी के समय जनता के द्वारा ‘भोगे गए आनन्द’ से लेकर ‘खुले में शौच के महात्म्य’ तक को बताती कहानियाँ मिलेंगी। नि:संदेह, शब्दों की सरलता और व्यवहारिक शब्दों के प्रयोग का, पाठक भरपूर आनन्द उठाएँगे।