rankshetram part 1 hindi (2nd Ed.)

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Description

यह अनसुनी कथा है, द्वापर युग में महाभारत से पीढ़ियों पूर्व हुए दो महाविकराल संग्रामों की| चार खण्डों में बंटी, रणक्षेत्रम की यह गाथा किसी व्यक्ति विशेष की नहीं अपितु एक पूरे युग की है| एक ऐसा युग जिसने न्याय और धर्म की स्थापना की और एक ऐसा युग जिसने अखण्ड आर्यावर्त के सम्राट के समक्ष सभी राजाओं को झुका दिया| यह गाथा है महाऋषि ओमेश्वर के आशीर्वाद से जन्में दो महान योद्धाओं की | यह गाथा है मृत्यु के श्राप के उपरांत भी जीवित रह जाने वाले महाबली अखण्ड के अंतहीन संघर्ष की| यह कथा है भगवान महाबली के वंशज रक्षराज दुशल के प्रेम, पीड़ा और प्रतिशोध की | सदी के महान वीरों ने जिसके साथ छल किया, यह गाथा है उस महावीर योद्धा सुर्जन के प्रतिशोध की | और यह कथा है हस्तिनापुर के महान सम्राट महाराज भरत के संघर्ष की | मानवों, नागों और असुरों के मध्य हुए पहले महासंग्राम से शुरू होती कथा दूसरे महासंग्राम और भरतवंश की स्थापना के साथ समाप्त होती है|

Book Details

Weight 465 g
Dimensions 8.5 × 5.5 × 1.488 in
Edition

First

Language

Hindi

Binding

PaperBack

Pages

372

ISBN

9789388556156

Publication Date

2019

Author

Utkarsh Srivastava

Publisher

Anjuman Prakashan