Description
प्रस्तुत लेख मेरे व्यक्तिगत अनुभव के आधार पर जो साधना के अन्तर्गत महसूस हुआ लिखा है। मैं अपने सद्गुरु श्री पण्डित पार्थ सारथी राजगोपालाचारी जी महाराज के चरणों में सप्रेम श्रद्धापूर्वक समर्पित कर रहा हूँ।
इसमें जो कुछ भी समावेश है वह आध्यात्मिक क्षेत्र में रुचि और जिज्ञासु दिलों को अवश्य ही प्रभावित करेगी ऐसा मेरा पूर्ण विश्वास है।
इस पुस्तक का लक्ष्य सत्य क्या है, आत्मा-परमात्मा के सम्बन्ध एवं आत्म-साक्षात्कार हेतु जानने के इच्छुक जिज्ञासु दिलों के लिए उपयोगी साबित हो तथा यह साधना-विधि जन-जन तक प्रसारित हो ऐसी मंगल कामना करता हूँ।
उपरोक्त के सन्दर्भ में जो उपलब्धि गुरु के प्रसाद रूप में मिला है उसका श्रेय मेरे सद्गुरु और उनकी साधना पद्धति से सम्भव हुआ है।
यह साधना विधिपूर्ण रूप से नि:शुल्क है। एक बार सम्पर्क अनिवार्य है।
Reviews
There are no reviews yet.