Description
हमेशा और हर परिस्थिति में दृढ़ रहने वाले कृष्ण को जीवन में प्रथम बार अपने नेत्रों में जल उमड़ने का अनुभव हुआ। वे उस चित्र की सजीव हो उठी राधा को देख ही रहे थे कि अचानक उनके पास एक हवा का गोल गोल घूमता हुआ बवंडर आया और उस वस्त्र को कृष्ण के हाथों की ढीली पकड़ से छुड़ा कर उड़ा ले गया।
कृष्ण कुछ देर तक उसे उड़ता हुआ देखते रहे और जब वह आँखों से ओझल हो गया तो वापस हो लिये।
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