Description
कोई मुसव्विर क़लंदर की तस्वीर नहीं बना पाया, लेकिन अगर वहाँ राहत इन्दौरी का चेहरा बना दिया जाये तो शायद वो क़लंदर की ही तस्वीर होगी. मगर क्या सिर्फ़ तस्वीर से क़लंदर तय किये जा सकते हैं? ज़रुरी है कि राहत इन्दौरी की ज़िन्दगी के वरक़ पलटे जायें, जाना जाये कि इस फ़नकार के यहाँ क़लंदरी का नज़ूल कैसे हुआ, और ये भी कि आम ख़ानदान में पैदा होने वाला ये ख़ास बंदा दुनिया को कैसे ‘राहत’ पहुँचा रहा है| राहत इन्दौरी की ज़ाती ज़िन्दगी और मुशायरों की दुनिया के ‘राहत साहब’ से जुड़े दिलचस्प कि़स्से किताब की शक्ल में अब आपके सामने हैं “क़लंदर
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