Description
गोवा के एक होटल में एक लड़की की लाश और एक लड़का जिसकी बस साँसें चल रही थीं वो भी किसी भी वक़्त रुकने जैसी, मिलते हैं! पुलिस के पहुँचने के बाद जो कहानियाँ एक के बाद एक पुलिस को सुनायी जाती हैं वो सब की सब सच्ची मालूम होती हैं.. मगर सच तो उन कहानियों से अलग हक़ीक़त के एक संदूक़ में बंद होता है जिसे खोलने में पुलिस को कितने ही फ़रेबों के दायरों को तोड़ना पड़ता है। अस्ल में ये कहानी प्रेम के समन्दर में उठने वाले ऐसे भँवर की है जिसे एक अनजाने ने जन्म दिया और फिर उसकी क़ीमत किसी को अपनी मौत से चुकानी पड़ी। इस उपन्यास में डर है, सपने हैं, लालच है, सिलवटें हैं, दायरे हैं और प्रेम का ऐसा भँवर है जिससे कम ही लोग बच के निकल पाते हैं।
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