Description
निवेदिता सिंह मुख्यतः प्रतिरोध की कवयित्री हैं; उनकी रचनाएँ इस बात की गवाही देती हैं कि वे स्त्री के प्रति अन्याय से समाज को मुक्त करने के लिए कटिबद्ध हैं। यद्यपि संग्रह में कई खण्डों के माध्यम से विभिन्न विषयों पर उनकी रचनाएँ इस बात की तस्दीक करती हैं कि उनकी फ़िक्र का दायरा बड़ा है और अन्य विषय भी उनसे अछूते नहीं हैं। निवेदिता सिंह के इस संग्रह से गुज़रते हुए उनकी कविताओं का सफ़र पाठक को बहुत रोचक प्रतीत होगा। कहीं भी एकरसता नहीं। अगर प्रेम की कलकल बहती नदियाँ हैं तो शोषण और प्रताड़ना की कड़ी धूप भी है कहीं जीवन के रहस्यों की सुरंग में ले जाता गहरा दर्शन भी है, तो कहीं प्रतिरोध की चिंगारी भी।.