Description
परलोक में सेटेलाइट नौकरशाही और अवसरवाद पर नए विषय और हल्की-फुल्की शैली के साथ एक तीखा व्यंग्य है। पहले ही पन्ने से बरुण जी यह एहसास दिला देते हैं कि पढ़ने वाले को किस स्तर का मजा और हास्य मिलने वाला है। यह हास्य आपको हंसाता है, लेकिन कहीं-कहीं नश्तर से इस तरह से चुभाता है कि आप तड़प कर रह जाते हैं।