Muskurati hai subah

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Description

न गीत लिखना आसान है और न ही ग़ज़ल कहना। सही मायने में ग़ज़ल के एक शेर में पूरी बात कहने का सलीक़ा अगर आ गया तो ग़ज़ल बहुत आसान लगने लगती है। मुशायरों में आने-जाने से शायर दोस्तों की सुहबत मिली तो ग़ज़ल कहने का शौक़ पैदा हो गया। धीरे-धीरे इतनी ग़ज़लें हो गईं कि लगने लगा कि इनकी तो एक किताब बनाई जा सकती है। कुछ शायर दोस्तों को दिखाईं तो सारी ग़ज़लें मुस्कुराने लगीं और अंजुमन प्रकाशन के स्पर्श से ‘मुस्कुराती है सुबह’ नाम से सारी ग़ज़लें दीवान में ढल गयीं। ये मैं अच्छी तरह से जानता हूँ कि मैं ग़ज़ल-गो नहीं हूँ इसलिए ग़ज़ल के जानकारों की नज़र में यह बहुत मामूली ग़ज़लें हो सकती हैं लेकिन मैं यह अच्छी तरह से जानता हूँ कि ये बहुत आसान ग़ज़लें हैं आसानी से समझ में आने वाले शेर हैं क्योंकि आसान लिखना बहुत मुश्किल होता है इसलिए इस प्रथम संग्रह में मैंने बहुत मुश्किल काम किया है।

Book Details

Weight 100 g
Dimensions 8.5 × 5.5 × 0.32 in
Edition

First

Language

Hindi

Binding

Paperback

Pages

80

ISBN

9789388556675

Publication Date

2021

Author

Vishnu Saxena

Publisher

Anjuman Prakashan