Description
“मता-ए-नाज़िश” हिस्सा-ए-अव्वल (हिन्दीरस्मुलख़त) नाम की किताब मुन्तख़ब ग़ज़लों को शामिल करके शाया की है, उसी किताब का हिस्सा-ए-दोयम भीआपकेहाथों में है। “नवा-ए-ईमाँ” नाम सेआप की ना’तोंका मजमूआ “उर्दूरस्मुलख़त” में पहले ही मंज़रे-आम परआ चुकाहै।कोशिश की जारही है किआपके सारे कलामअज़सरे-नौशायर किया जाये जो पहले ही मुख़्तलिफ़ वक़्तों मेंछप चुके हैं औरआपके नाम पर एक दारुल-मोत आला भी क़ायम किया जाय।