Description
यदि ऊपर वाला आपके जीवन में कोई विशेष रुचि नहीं दिखाए तो समझिये कि आपकी तकदीर को अब, आपका डीएनए और आपका शहर तय करने जा रहा है और जब आप किसी सांस्कृतिक रूप से समृद्ध शहर में पैदा हों, तो इसकी संभावनाएँ और बलवती हो जाती हैं कि शहर आपकी तकदीर को गढ़ने में निर्णायक भूमिका निभाए। होता यह भी है कि जीवन के किसी मोड़ में आप भी इतने प्रभावी हो सकते हैं कि शहर की तकदीर को बदलने की भूमिका में आ जाएँ। ‘क्योटो टू काशी’ ऐसा ही दिलचस्प किस्सा बनारस का और इसमें रहने वाले पात्रों का है जिनकी नियति बनारस ने बदली और जिन्हें बनारस की नियति बदलने का अवसर भी हासिल हुआ। इस सहस्त्राबदी के पहले वर्ष से, क्योटो-काशी प्रोटोकाल के वर्ष तक फैली यह कथा हमारे ऐतिहासिक-पौराणिक शहरों के संरक्षण के विषय में एक मौलिक नजरिया तो प्रस्तुत करती ही है, जीवन के उजास और सौंदर्य को महसूस करने का जादुई अवसर भी उपलब्ध कराती है।