kuaar ka karz

150.00


In stock

SKU: 9789388556200 Category:

Description

कोठे पर रहने वाली कोई लड़की कैसे किसी से निस्वार्थ प्रेम कर सकती है? कैसे वह किसी की प्रेमिका बन, उसके जीवन के साथ-साथ अपने सपनों को भी साकार कर सकती है? और यदि कर भी ले, तो क्या ये समाज कभी उसके प्रेम की पवित्रता को समझकर सामाजिक मान्यता प्रदान कर सकेगा? ये हकीकत है उन तमाम निर्मलाओं की जो इस समाज का एक अभिन्न हिस्सा तो होती हैं किंतु अतीत के साए में घिरी इस कदर असहाय और मजबूर होती हैं कि उन्हें सपने देखने से भी डर लगता है। आज ऐसी ही कई निर्मलाएं, जो अपने अतीत द्वारा डसे जाने के पश्चात आज इतनी मजबूर हैं कि वे ना चाहते हुए भी अपने अतीत के काले सच को ना केवल अपना जीवन साथी मान बैठी है बल्कि अपने भविष्य को उसमें भुला देने को ही अपना प्रारब्ध भी मान चुकी हैं। ऐसी ही एक निर्मला की कथा है ‘कुआर का क़र्ज़’।

Book Details

Weight 300 g
Dimensions 8.5 × 5.5 × 0.96 in
Edition

First

Language

Hindi

Binding

PaperBack

Pages

240

ISBN

9789388556200

Publication Date

2019

Author

kunal singh

Publisher

Anjuman Prakashan