Description
मेरा मन कुछ कहता है__
कुछ दिनों से मेरे मन मेें जीवन के विभिन्न रंगों को बिखेरने की चाह उत्पन्न होने लगी थी।यह चाह करवटें लेने लगीं तथा धीरे धीरे मेरी कलम चलने लगी।एक एक करके 28आलेख मैने लिख डाले।इन्हें एकत्रित किया तथा नाम दिया ‘जीवन के रंग’।
अब यह आपके सामने है।बताते कि मैंने विषय के साथ कितना न्याय किया है।कल्पना के रंग को वास्तविकता का जामा पहनाया है।
शुभकामनाओं के साथ
डाक्टर सुधा सिन्हा।
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