Description
प्रमोद कुमार ‘सुमन’ का नाम गीत प्रेमियों के लिए एक उम्मीद जगाने वाला नाम है। तीन वर्ष पूर्व जब उनका पहला कविता संग्रह ‘सेमल के श्वेत परिंदे’ प्रकाशित हुआ था, तभी यह उम्मीद जगी थी। यह आश्वस्तकारी है कि उनका दूसरा संग्रह, जो नवगीत संग्रह है, प्रकाशित हो रहा है। इस संग्रह में कुल 52 गीत हैं, जो जीवन के अलग-अलग अनुभव क्षणों की रागात्मक प्रस्तुतियाँ है। प्रेम, क्रोध, अहंकार, आस्था, आकांक्षा व अवसाद तक के रंग इन गीतों में मिलते हैं। सुमन जी के गीतों की सबसे बड़ी विशेषता है, उनका अर्थ-मुखर होना। इन गीतों को पढ़ते हुए कहीं उलझाव नहीं महसूस होता है।