Description
यह कथा है किशोरावस्था के दहलीज पर खड़े एक ऐसे गरीब मुस्लिम लड़के शाहिद की, जो किशोरावस्था की महत्वाकांक्षी उड़ान के कारण, आतंकवादियों के चंगुल में फँस जाता है। आतंकवादियों ने उसे जिहाद के नाम पर कौमी षड्यंत्र में इस कदर उलझाया कि वह युवावस्था में मनवता के विनाशक के रूप में उभरा। एक ऐसा विनाशक जो हिंदुस्तान के लिए महाकाल था। मगर एक दिन खूंखार आतंकवादी देशभक्त ही नहीं हुआ बल्कि भारत सरकार ने उसे देशभक्ति के लिए शौर्य और वीरता के उच्च सम्मान ‘देशरत्न’ से सम्मानित भी किया। वो क्या परिस्थितियाँ थीं जिन्होंने एक युवक को आतंकवादी बनाया और किन हालात में वो फिर से मानवता का पुजारी बना। प्रस्तुत उपन्यास शाहिद के देशद्रोही से राष्ट्रभक्त तक के सफर की गाथा है।