Description
प्रिया के साथ भी उस दिन वही हुआ, जो हिन्दुस्तान में प्रतिदिन औसतन 106 महिलाओं के साथ होता है, लेकिन जिस छोटे शहर से प्रिया थी, वहाँ के लिए यह बात बिलकुल नयी थी। नयी केवल इसलिए नहीं कि रेप पहली बार हुआ था; बल्कि इसलिए क्योंकि अपने शहर में रेप की खबर खुलेआम सबको पहली बार पता चली थी। उस छोटे शहर में सभी यही चाह रहे थे कि बात को दबाकर लड़की की शादी करना ज्यादा बेहतर होता। इसकी इज्जत तब नहीं गयी, जब इसका बलात्कार हुआ, प्रिया और उसके परिवार की इज्जत तो अब नीलाम हो रही है जब बात सबको पता चली है। बलात्कार के बाद प्रिया की किस्मत उसे कहाँ-कहाँ ले जाती है, लोगों से उसे क्या-क्या सुनने को मिलता है और प्रिया आखिरकार क्या करती है इन सबको बताता ये उपन्यास आपको कई हकीकतों से रू-ब-रू करवाएगा।
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