Description
‘अतीत के पंख’ में लेखिका उन चट्टानी समस्याओं से टकराती हैं और कई ऐसे चरित्रों से हमें परिचित कराती हैं जो या तो समस्या के सर्जक हैं, उसके कारण हैं या समस्या से ग्रस्त, पीड़ित, छटपटाते लोग हैं। लेखिका उन जटिल पाषाणी समस्याओं का कोई सरल, कल्पित, लचर एवं कमजोर हल देने के बजाय इस पर विश्वास करती है कि उस संघर्ष को बल दिया जाये, तेज किया जाये जो समस्या के दानवी स्वरूप को छिन्न-भिन्न कर एक मानवीय मूल्यों पर आधारित न्यायपूर्ण समाधान को संभव कर सके। इस दृष्टि से ‘अतीत के पंख’ की कहानियाँ अत्यन्त पठनीय एवं माननीय है जो हमारी चेतना का परिसंस्कार नवीनता के साथ करती हैं।