Description
डॉ० राकेश ऋषम द्वारा सृजित ‘अमृतांजलि’ (चतुष्पदियों) मुक्तकों का संग्रह है जिसने बहुत ही साफगोई के साथ समाज के प्राय: हर वर्ग का प्रतिनिधित्व करते हुए उसे रचनाकार ने स्वर दिया है। इस संकलन में जीवन के समस्त पहलुओं पर बहुआयामी प्रकाश डाला गया है। ये मुक्तक हृदयस्पर्शी, मर्मस्पर्शी एवं क्षितिजस्पर्शी हैं। डॉ. राकेश ऋषम सिर्पâ मर्म को कुरेदते ही नहीं अपितु उसे सहलाते भी हैं। वस्तुत डॉ. राकेश ऋषभ के भीतर का रचनाकार कोई शब्द जाल नहीं बुनता बल्कि जनमानस की पीड़ा, वेदना, बेचैनी, अन्तरभावना का ऐसा बेलाग और स्पष्ट चित्रण करता है कि उसे परिभाषित करने की आवश्यकता ही नहीं पड़ती।