Description
‘आज़ादी के पहले और बाद’ को तीन खण्डों में विभाजित किया गया है; पहले खण्ड में ईस्ट इंडिया कम्पनी के भारत में आने से लेकर आज़ादी मिलने तक का वर्णन, इतिहास के तथ्यों और तारीख़ों सहित गद्य और पद्य दोनों ही रूपों में वर्णित किया गया है… दूसरे खण्ड में विभाजन की त्रासदी का कड़वा सच वर्णन करने की कोशिश है। तीसरे और अंतिम खण्ड में, उठते -गिरते, मुश्किलों से लड़ते आम आदमी की आज की समस्याओं को उभारने का प्रयत्न है। यह पुस्तक, काव्यात्मक और गद्यात्मक दोनों ही रूपों में लिखी गई है।