Adana sa akash

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Description

कालचिंतन किसी भी सजग साहित्यकार की अनिवार्य परिणति है। युग धर्म और युग बोध को पहचानने वाला कोई भी साहित्यकार इस तथ्य का अपवाद नहीं हो सकता। साहित्यकार, अनिवार्य रूप से न केवल अपने समय के यथार्थ को पहचानता है, बल्कि वो उसका सर्वश्रेष्ठ साक्षी भी होता है। साहित्यकार, समय की अनदेखी कर साहित्य सृजन नहीं कर सकता; समय के सापेक्ष होना उसकी विवशता है। समय का अदृश्य बेताल, साहित्यकारों के चिन्तन पर ही नहीं, बल्कि उनके सृजन पर भी हावी होता है। शायद यूँ ही अधिकतर साहित्यकारों के व्यक्तित्व में समय की अन्तध्र्वनियाँ निहित होती हैं, तो उसके कृतित्त्व में भी हमें समय का अन्तर्नाद सुनाई देता है। मनी नमन जी एक ऐसे ही सर्जक हैं, जो न केवल युगबोध को सरलता से अपने सृजन के माध्यम से रेखांकित करते हैं, बल्कि समय की अन्तध्र्वनियों को भी रेखांकित करते हैं।

Book Details

Weight 140 g
Dimensions 8.5 × 5.5 × 0.448 in
Edition

First

Language

Hindi

Binding

paper back

Pages

112

ISBN

9789386027597

Publication Date

2017

Author

Mani Naman

Publisher

Anjuman Prakashan