रोहन कुमार बिहार से हैं और पिछले छह सालों से दिल्ली में रह रहे हैं। साल 2018 में सत्यवती कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक पूरा किया फिर परिंदे थिएटर ग्रुप से जुड़ गए। तीन साल वहां थिएटर करने के बाद एक साल तकरीबन नए बच्चों को अभिनय सिखाया। थिएटर के दौरान कुछ एक शॉर्ट फिल्मों में बतौर अभिनेता काम भी किया। तीन नाटक लिखें और अपने निर्देशन में उनका मंचन किया फिर थिएटर से मन उबने सा लगा, सो उसे छोड़कर नए किक की तलाश में लग गए। मिलाजुला कर एक लेखन है जिसमें फिलहाल मन लगता है तो वही करते हैं।
Showing the single result
रोहन कुमार बिहार से हैं और पिछले छह सालों से दिल्ली में रह रहे हैं। साल 2018 में सत्यवती कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक पूरा किया फिर परिंदे थिएटर ग्रुप से जुड़ गए। तीन साल वहां थिएटर करने के बाद एक साल तकरीबन नए बच्चों को अभिनय सिखाया। थिएटर के दौरान कुछ एक शॉर्ट फिल्मों में बतौर अभिनेता काम भी किया। तीन नाटक लिखें और अपने निर्देशन में उनका मंचन किया फिर थिएटर से मन उबने सा लगा, सो उसे छोड़कर नए किक की तलाश में लग गए। मिलाजुला कर एक लेखन है जिसमें फिलहाल मन लगता है तो वही करते हैं।