Redgrab Shop

सोलह जनवरी उन्नीस सौ अड़सठ को काशी में जन्मे नीरज कुमार त्रिपाठी के पिताजी रेलवे की नौकरी में थे, व माताजी गृहणी थीं। रेलवे की नौकरी के दरम्यान शिक्षा कई शहरों में हुई। इसी क्रम में बाल्यावस्था कुछ वर्षों के लिए गृह जनपद देवरिया जिले के ओबरी तिवारी नामक ग्राम में बीती। कानपुर विश्वविद्यालय से राजनीतिशास्त्र से परास्नातक की डिग्री प्राप्त करने के बाद स्वरोजगार में लग गये। स्वाध्याय और हिन्दी साहित्य के प्रति आकर्षण निरन्तर बना रहा। प्रारम्भ में हिन्दी कविता लिखने का शौक था, परन्तु बाद में गद्य लेखन की ओर झुकाव हो गया। वर्तमान में स्वरोजगार और कृषि के साथ-साथ अनवरत लेखन में व्यस्त हैं। प्रकाशित पुस्तकें – १. अधूरी आशिकी (हास्य व्यंग्य) २. यंगिस्तान के नौनिहाल (व्यंग्य) ३. संन्यास से पहले का उत्पात (कहानी संग्रह)

Filters

 

Language
Publishers
Series
  • There are no terms yet
Tags
  • There are no terms yet

neeraj tripathi

Sort by :

Showing all 4 results

सोलह जनवरी उन्नीस सौ अड़सठ को काशी में जन्मे नीरज कुमार त्रिपाठी के पिताजी रेलवे की नौकरी में थे, व माताजी गृहणी थीं। रेलवे की नौकरी के दरम्यान शिक्षा कई शहरों में हुई। इसी क्रम में बाल्यावस्था कुछ वर्षों के लिए गृह जनपद देवरिया जिले के ओबरी तिवारी नामक ग्राम में बीती। कानपुर विश्वविद्यालय से राजनीतिशास्त्र से परास्नातक की डिग्री प्राप्त करने के बाद स्वरोजगार में लग गये। स्वाध्याय और हिन्दी साहित्य के प्रति आकर्षण निरन्तर बना रहा। प्रारम्भ में हिन्दी कविता लिखने का शौक था, परन्तु बाद में गद्य लेखन की ओर झुकाव हो गया। वर्तमान में स्वरोजगार और कृषि के साथ-साथ अनवरत लेखन में व्यस्त हैं। प्रकाशित पुस्तकें – १. अधूरी आशिकी (हास्य व्यंग्य) २. यंगिस्तान के नौनिहाल (व्यंग्य) ३. संन्यास से पहले का उत्पात (कहानी संग्रह)

X