बरेण्य साहित्यकार कमलापति गौतम हिंदी अउर बघेली के मेर-मेर छंदन माहीं आधारित रचना केर सरजक हमां । मुक्तक, गीतिका, गीति, दोहा, सोरठा, सवैया, घनाक्षरी, कुंडलिया, इत्यादि मातरिक अउर वरनिक छंदन माहीं सिलिप बद्ध अउर भाउपरक रचना लिखत हमां। कृतिकार कमलापति गौतम के ‘बघेली छंद विधान’ सहित कुल छह मौलिक रचना अउर ‘विन्ध्य के कलमकार’ सहित 12 साझा काव्य संग्रह प्रकाशित होइ चुके हमां । काव्य कै भिन्न-भिन्न बिधन में अनेक पुरस्कारन से पुरस्कृत होइ चुके हमां । ‘दस्तक प्रभात’ समाचार पत्र पटना की दैनिक समाचार पत्र में नियमित साहित्य साधना करत हम। ‘बघेली छंद विधान’ ब्याकरनिक रचना माही भिन्न-भिन्न मात्रिक अउर वरनिक लगभग 300 छंदन की बघेली में विधान बताइ के अपने उदाहरनन से सजाये हमां एके अलावा मुक्तक, गीतिका, गीति, लिखइ केर बिधान तथा आधुनिक कुछ बिधन केर लच्छन बघेली में बताइ का उदाहरन दिहे हमां तथा कुछु मूलछंदउ पर रचना लिखे हमा। कमलापति गौतम ‘गौतम कमल’वर्तमान में उच्च माध्यमिक शिक्षक शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कमर्जी में पदस्थ हमां। वर्तमान में अखिल भारतीय साहित्य परिषद जिला इकाई सीधी के अध्यक्ष की पद पर हमां। हिंदी साहित्यांगन मुक्तक लोक लखनऊ केर एडमिन सदस्यउ हमां।
बरेण्य साहित्यकार कमलापति गौतम हिंदी अउर बघेली के मेर-मेर छंदन माहीं आधारित रचना केर सरजक हमां । मुक्तक, गीतिका, गीति, दोहा, सोरठा, सवैया, घनाक्षरी, कुंडलिया, इत्यादि मातरिक अउर वरनिक छंदन माहीं सिलिप बद्ध अउर भाउपरक रचना लिखत हमां। कृतिकार कमलापति गौतम के ‘बघेली छंद विधान’ सहित कुल छह मौलिक रचना अउर ‘विन्ध्य के कलमकार’ सहित 12 साझा काव्य संग्रह प्रकाशित होइ चुके हमां । काव्य कै भिन्न-भिन्न बिधन में अनेक पुरस्कारन से पुरस्कृत होइ चुके हमां । ‘दस्तक प्रभात’ समाचार पत्र पटना की दैनिक समाचार पत्र में नियमित साहित्य साधना करत हम। ‘बघेली छंद विधान’ ब्याकरनिक रचना माही भिन्न-भिन्न मात्रिक अउर वरनिक लगभग 300 छंदन की बघेली में विधान बताइ के अपने उदाहरनन से सजाये हमां एके अलावा मुक्तक, गीतिका, गीति, लिखइ केर बिधान तथा आधुनिक कुछ बिधन केर लच्छन बघेली में बताइ का उदाहरन दिहे हमां तथा कुछु मूलछंदउ पर रचना लिखे हमा। कमलापति गौतम ‘गौतम कमल’वर्तमान में उच्च माध्यमिक शिक्षक शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कमर्जी में पदस्थ हमां। वर्तमान में अखिल भारतीय साहित्य परिषद जिला इकाई सीधी के अध्यक्ष की पद पर हमां। हिंदी साहित्यांगन मुक्तक लोक लखनऊ केर एडमिन सदस्यउ हमां।