चिराग खत्री, नब्बे के दशक में उज्जैन के एक मिडिल क्लास घर में पैदा हुए, और जब निर्णय लेने लायक हुए, तो उन्होंने अपनी ज़िंदगी के लिए वही चुना, जो छोटे शहर का मिडिल क्लास अक्सर अपने लिए चुनता है; और वो थी इंजीनियरिंग। पर उन्हें नहीं मालूम था कि ज़िन्दगी उनके लिए कुछ और भी तय कर चुकी है। इंजीनियरिंग की भागम-भाग में सुकून तलाशते चिराग, साहित्य की दुनिया में आये; और इसका सुखद नतीजा है ये पहली किताब। Bits Pilani के चौथे साल में प्रवेश कर चुके चिराग, हर वो चीज़ महसूस कर चुके हैं, जो इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने आया युवा, ज़िन्दगी के बारे में समझना चाहता है। ये किताब, एक युवा के दिल से निकली है, पर हर पीढ़ी के दिल पर जाकर खत्म होती है। किताब आने से पहले ही चिराग, कई कॉलेजों में अपनी कविताओं से युवाओं के दिलों तक पहुँच बना चुके हैं| जिस उम्र, जिस पीढ़ी में वे जीते हैं, वो पूरी तरह उनकी रचनाओं में नज़र आता है।
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चिराग खत्री, नब्बे के दशक में उज्जैन के एक मिडिल क्लास घर में पैदा हुए, और जब निर्णय लेने लायक हुए, तो उन्होंने अपनी ज़िंदगी के लिए वही चुना, जो छोटे शहर का मिडिल क्लास अक्सर अपने लिए चुनता है; और वो थी इंजीनियरिंग। पर उन्हें नहीं मालूम था कि ज़िन्दगी उनके लिए कुछ और भी तय कर चुकी है। इंजीनियरिंग की भागम-भाग में सुकून तलाशते चिराग, साहित्य की दुनिया में आये; और इसका सुखद नतीजा है ये पहली किताब। Bits Pilani के चौथे साल में प्रवेश कर चुके चिराग, हर वो चीज़ महसूस कर चुके हैं, जो इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने आया युवा, ज़िन्दगी के बारे में समझना चाहता है। ये किताब, एक युवा के दिल से निकली है, पर हर पीढ़ी के दिल पर जाकर खत्म होती है। किताब आने से पहले ही चिराग, कई कॉलेजों में अपनी कविताओं से युवाओं के दिलों तक पहुँच बना चुके हैं| जिस उम्र, जिस पीढ़ी में वे जीते हैं, वो पूरी तरह उनकी रचनाओं में नज़र आता है।