Description
यह कल्पितमाला विज्ञान, धर्म, पौराणिक संदर्भों तथा हिन्दू सभ्यता के रहस्यों के मोतियों को एक साथ पिरोकर लिखी गयी है। कथानक का मुख्य पात्र कल्कि, मानव-जाति को दिया गया ईश्वर का वह आशीर्वाद है जो दूसरे ग्रह के उर्ग्य प्रजाति द्वारा पृथ्वी पर किए गए अब तक के सबसे भयानक, विध्वंसक व विनाशकारी आक्रमण के खिलाफ लड़ रहा है । अपनी अंतिम साँसों को गिनती हुई घायल पृथ्वी तथा मानवजाति को बचाने के उद्देश्य में, कल्कि रोमांच-रहस्यों से भरी, मस्तिष्क को झकझोर देने वाली एक ऐसी रहस्यमय यात्रा पर चल पड़ता है जहाँ मृत्यु से भरे हुए पहेलीनुमा पथ के प्रत्येक पग पर अनिश्चितता छुपी हुई है। अपनी इस यात्रा में वह पृथ्वी पर उपस्थित सबसे करिश्माई व्यक्तियों से मिलता है, अनजान व विचित्र स्थानों पर जाता है तथा विचारों से भी परेय रहस्यों को सुलझाता है। रहस्य-रोमांच से भरी यह अभूतपूर्व गाथा पाठक के रोमांच व जिज्ञासा को एक पल के लिए भी चैन की साँस नहीं लेने देगी।.