Description
मनुष्य का जीवन एक प्रवाहमान नद है। जो निरंतर समय की गति से आगे बढ़ता है। इस समय चक्र में नित्य नया घटता है जो मनुष्य के स्मृति पटल पर सदैव के लिए अंकित हो जाता है। जीवन की भागदौड़, जद्दोजहद, परिवार और सामाजिक दायित्व के प्रवाह में मनुष्य को पीछे मुड़ने का समय बहुत कम मिलता है, किंतु जीवन का एक सोपान ऐसा आता है जब वह इन जद्दोजहद से काफी हद तक निजात पा चुका होता है। तब मनुष्य कुछ नया करना चाहता है जो वह अब तक व्यस्तता के कारण, समय की कमी, धनाभाव या अन्य किसी कारण से नहीं कर पाए। मनुष्य का सबसे बड़ा धन स्वास्थ्य है, यदि वह स्वस्थ है तो उपरोक्त वर्णित समयावधि उसके जीवन का स्वर्णिम समय बन जाता है। यदि वह इसका सदुपयोग करें तो।
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