Description
पॉपुलर मेरठी की शायरी इतनी आसान, इतनी सादा ज़बान है कि वो सभी लोगों को याद रह जाती है। आमतौर पर देखा जाता है कि जो लोग मंच पर कविता पाठ करते हैं उनका साहित्य में स्थान नहीं होता लेकिन पॉपुलर मेरठी जितने मंचों की दुनिया पर मक़बूल हैं उतना ही बड़ा नाम उनका साहित्य में भी आता है।
-डॉ. सोम ठाकुर (आगरा)
पॉपुलर मेरठी ने हास्य में ख़ुद की अपनी शैली विकसित की है। आपकी शायरी दर्शकों को न सिर्फ़ गुदगुदाती है बल्कि गहरे अर्थ भी देकर जाती है।
-सुरेंद्र शर्मा (हास्य कवि)
बहुत कम लोगों ने यह एजाज़ हासिल किया है कि उन्होंने अपने मिज़ाह को फक्कड़बाज़ी नहीं बनने दिया, वो आपको लतीफ़े सुनाकर शायराना अंदाज़ में आपको नहीं हँसाते बल्कि आम बोलचाल की ज़बान में आपके मसाइल उठाते हैं, उन्हीं में पॉपुलर मेरठी सबसे ऊपर खड़ा नाम दिखाई देता है।
-पद्मश्री अशोक चक्रधर
‘ग़ालिब’ और मैं फूलों का गुलदस्ता नहीं तंज़ के तीरों का तरकश है।
-सत्यपाल सत्यम
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