Awadh – Kuchh kahti hain deewaren

175.00


In stock

SKU: 9789386027412 Category:

Description

‘अवध : कुछ कहती हैं दीवारें’, अठ्ठारवीं सदी के उत्तरार्ध तथा उन्नीसवीं सदी के पूर्वार्ध काल की एक ऐतिहासिक कथा है। इस समय में जात-पात छुआछूत आदि चरम सीमा पर थे। मंगल, अतरौली के एक बेहद गरीब मेहतर का लड़का था और बचपन से ही हुनरमंद राज मिस्त्री बनने के सपने देखा करता था। भाग्यवश, मंगल की मुलाकात काकोरी के बक्शी अबुल बरकात खान के दरबार में राज मिस्त्री अल्तमश से हो गई, काकोरी के ही सूफी सन्त हज़रत मोहम्मद शाह काज़िम कलंदर ने भविष्यवाणी की थी, कि अल्तमश को अपने परलोक सिधारे बेटे की जगह अतरौली में उसी की आयु का एक लड़का मिलेगा जो उससे राजगीरी के काम की बारीकियाँ सीखेगा। अपनी मेहनत और लगन से मंगल एक बेहतरीन राज मिस्त्री बन गया और अंत में नवाब आसिफुद्दौला के दरबार में दरबारी मिस्त्री हो गया। चंदा, मंगल की पुत्री ही नहीं बल्कि उसकी आँखों की पुतली समान थी। चंदा ने एक अंग्रेज़ लड़के हैरिस से शादी की। चंदा की नातिन मलीना, ऑक्सफोर्ड यूनीवर्सिटी में अवध की संस्कृति, समाज और स्थापत्य पर शोध करने के दौरान लखनऊ आई और अपनी नानी को अपने पर-नाना मंगल, की जीवनी सुनाने के लिए रा़जी किया। इस कथानक में अनेक चरित्र असली हैं और इतिहास की किताबों से लिए गए हैं, तथा कई चरित्र काल्पनिक भी हैं। वास्तविक और काल्पनिक चरित्र कथानक में इस प्रकार पेश किये गए हैं कि कथा तथ्यपूर्ण लगती है।

Book Details

Weight 390 g
Dimensions 8 × 5 × 1.248 in
Edition

First

Language

Hindi

Binding

PaperBack

Pages

312

ISBN

9789386027412

Publication Date

2017

Author

V.k. joshi

Publisher

Anjuman Prakashan