Description
साहित्य सदा से समाज का दिग्दर्शक रहा है। समयानुसार विविध प्रकार का साहित्य, साहित्याराधकों द्वारा सृजित होता रहा है। जिसके माध्यम से समाज अपनी संस्कृति, संस्कारों व सभ्यता से जुड़ा रह सका है।अंतराल नामक गीत संग्रह भी लेखक के जीवन के विविध अनुभवों का मीठा अमृत फल है। जो समाज को नई सकारात्मक-सोच के साथ-साथ जीवन के प्रति जिजीविषा एवं उत्कंठा प्रदान करने में समर्थ है। इस गीत संग्रह की एक-एक रचना अर्थगाम्भीर्यता को धारण किए हुए है। अतः सभी पाठक, भावनाओं से जुड़कर लेखक की काव्य रूपी जीवन तपस्या को गहराई से समझकर अपना स्नेह प्रदान करें।
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